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नरसिंह प्रसाद अग्रवाल (देवकर वाले)

Durg, Chhattisgarh

August 07, 2022

दुर्ग जिले के देवकर नामक स्थान के निवासी नरसिंह प्रसाद अग्रवाल का जन्म 1 अगस्तए 1914 ग्राम देवकर में हुआ था। पिता का नाम राजाराम एवं माता का नाम श्रीमती अरड़ी बाई था। बचपन संघर्ष मय था किन्तु आत्मविष्वास एवं संकल्प षक्ति के कारण अपने जीवन को दूसरो के लिए प्रेरक बना दिया। उन्होनें मीडिल स्कूल से षिक्षा प्राप्त की थी। वे बहुत ही कम उम्र से कांगे्रस की गतिविधियों में भाग लेने लगे थे। मात्र 9 वर्ष की आयु में सन् 1923 में धमधा के डाकघर में तिरंगा झंडा फहरा कर उन्होंने साहस का परिचय दिया था। सन् 1930 में उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन के समय विदेषी ष्षराब  और वस्त्रों दुकानों के सामने धरना, प्रदर्षन किया था और रैलियों में भाग लिया था। उन्होनें विदेशी वस्त्रों की होली ग्राम- देवकर में जलाई थी। इसके पश्चात् वे दुर्ग आ गये। आर्थिक संकट होते हुये भी उन्होंने अखाडे़ जाकर कसरत कर अपने शरीर को मजबूत बना कर अंग्रेजो के विरूद्ध संघर्ष जारी रखा। सन् 1939 मेें त्रिपुरी कांगे्रस में कार्यकर्ता के रूप में उनकी सक्रिय भागीदारी रही।

भारत छोड़ो आंदोलन की घोषणा होने पर वे पुनः सक्रिय हो गये तथा 10 अगस्तए 1942 को दुर्ग के गांधी चैक में भाषण देते हुये गिरफ्तार कर लिये गये। उन्हें 7 माह 26 दिन का कारावास हुआ इस बीच उन्हें 15 दिन गुनाहाखाना की कठिन सजा भी झेलनी पड़ी थी।

Sources:

  1. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सम्मान ताम्रपत्र
  2. दुर्ग जिला गजेटियर सेनानी सूची, क्र.50
  3. राजेन्द्र अग्रवाल (पुत्र), साक्षात्कार 16 मई सन् 2022
  4. मध्यप्रदेष के स्वतंत्रता संग्राम सैनिक खण्ड-3, भाषा संचालनालय, संस्कृति विभाग, मध्यप्रदेष, भोपाल, 1984

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