Unsung Heroes | History Corner | Azadi Ka Amrit Mahotsav, Ministry of Culture, Government of India

Unsung Heroes Detail

Paying tribute to India’s freedom fighters

चैतू

Uttarkashi, Uttarakhand

March 28, 2023 to March 28, 2024

आन्दोलनकारी चैतू का जन्म सन् 1883 में जनपद उत्तरकशी के दशगी पट्टी के वणगांव में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री कुला था। रवांई के जनान्दोलन में सक्रिय भागेदारी के कारण राजद्रोही के रूप में दो वर्ष कारावास की सजा तथा रू0 100/- अर्थदण्ड जमा करना पड़ा था। चैतू भी इस आन्दोलन के अन्य नेताओं के समान स्वतंत्रता सैनिक है। सन् 1970 में उ0प्र0 सराकर के सूचना एवं जन संपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तिका-14 के क्र0 सं0-16 तथा पृ0सं0 4 में इनके नाम का उल्लेख एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में है। चैतू का सन् 1975 मे देहान्त हो गया था और इनके सगे भाई इनके नाम से किसी भी प्रकार के प्रमाण पत्र आदि बनाने में असमर्थ रहे जिससे कि इनको पेंशन अथवा सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया। असमर्थता एवं बुढापे के कारण सन् 1972 में चैतू तत्कालीन उ0प्र0 सरकार द्वारा भेंट किये गये ताम्रपत्र से भी वंचित रहे। चैतू निःसन्तान थे। उनके दो भाई नरकू और छनकू थे। दोनो ही निःसन्तान थे। चैतू और उसके भाई नरकू की साझा पत्नी थी। जिसका नाम झलकू था और दोनो भाइयों ने अपनी संपत्ति छोटे भाई छलकू को दान कर दी थी। दुर्भाग्यवश छलकू भी निःसंतान था और छलकू ने अपने भाइयों तथा अपनी संपत्ति अपने रिश्तेदारों में बांटकर दान कर दी थी। अपने जीवन काल में उपरोक्त तीनों भाई उच्च श्रेणी के कृषक थे साथ में पशुपालन भी करते थे।

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