भारत सरकारGOVERNMENT OF INDIA
संस्कृति मंत्रालयMINISTRY OF CULTURE
Uttarkashi, Uttarakhand
March 29, 2023 to March 29, 2024
काशी अथवा काशी सिंह के क्रान्तिकारी पुत्र भाव सिंह का जन्म सन् 1895 में दशगी पट्टी के वणगांव जनपद उत्तरकाशी में हुआ था। रवांई के जनान्दोलन में सक्रिय भागेदारी के कारण राजद्रोही घोषित हुए थे जिसके फलस्वरूप इनको दो वर्ष के कारावास तथा रू0 500/- अर्थदण्ड की सजा हुई थी। रवांई जनान्दोलन के समस्त आन्दोलनकारियों के समान भाव सिंह अथवा भवा सिंह को भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का दर्जा प्राप्त है और सन् 1970 में उ0प्र0 सरकार के सूचना एवं जन संपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तिका सं0-14 (गढवाल के स्वतंत्रता संग्राम के सैनिक) में इनके नाम का उल्लेख है। सन् 1967 में मृत्यु होने के कारण सन् 1972 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भेंट किये गये ताम्र प्रशस्ति पत्र प्राप्त करने का सौभाग्य इनको नहीं मिला किन्तु इनके उत्तराधिकारी इस क्रान्तिकारी के नाम से पहचान तथा उत्तरााधिकार प्रमाण पत्र बनाने में असमर्थ रहे जिसके कारण कुटुम्ब पेंशन तथा सरकार द्वारा आन्दोलनकारियों के लाभ हेतु संचालित विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रहे। भाव सिंह का भाई रीठा सिंह था जो कृषि एवं पशुपालन व्यवसाय से जुड़ा था और इनका इकलौता पुत्र श्री केशर सिंह भी कृषि एवं पशुपालन व्यवसाय से जुड़ा है। यही जीवीकोपार्जन का मुख्य साधन होने के कारण इसी से अपने बच्चों के शिक्षा दीक्षा का व्यय भी उठाते है। भविष्य में इनको अपने आन्दोलनकारी पिता के नाम से पहचान तथा आश्रित प्रमाण पत्र बनाने हेतु पे्ररित किया जाएगा।