रवांई आन्दोलन के आन्दोलनकारी नत्थी सिंह का जन्म सन् 1903 में रवांई परगना के रामासिराई पट्टी के कण्डियाल गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री सते सिंह था। नत्थी सिंह रवांई जनान्दोलन के एक सक्रिय कार्यकता रहे थे। आन्दोलन के मुख्य नेताओं में से एक श्री हीरा सिंह नगाण के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री शेर सिंह चैहान के संग्रह से प्राप्त प्रथम एवं द्वितीय राजीनाम धर्मपट्टा के दस्तावेज के अनुसार द्वितीय राजीनामा धर्मपट्टा की बैठक में आन्दोलन के संगठन के रचना हेतु शामिल हुए थे तथा आन्दोलन में सक्रिय रहने हेतु अपनी सहमति प्रदान की थी। तथा आन्दोलन के दौरान गुन्दियार गांव तथा सांकरी के बैठक में सम्मिलित हुए थे। इसके बाद लगातार ही 30 मई तक आन्दोलन में सक्रिय भागीदार बने रहे। 30 मई, 1930 को तिलाड़ी के मैदान में हुए गोलीकाण्ड के दौरान मैदान से बाहर सुरक्षित पहुंचे तथा इसके बाद राज्य की पुलिस फोर्स द्वारा आन्दोलनकारियों को गिरफ्तार करने की कार्यवाही के दौरान पुलिस इनको गिरफ्तार करने में असमर्थ रही और कारावास तथा अर्थदण्ड की सजा से मुक्त रहे। नत्थी सिंह के मैदर सिंह त्था जयराम दो पुत्र थे। दोनो स्वर्गीय है। मैदर सिंह का पुत्र वीरेन्द्र तथा जग त सिंह की एकमात्र पुत्री अंजना देवी हैं। यह परिवार कृषक पशुपालन व्यवसाय से संबंन्धित था तथा क्षेत्र में अपने पैतृक व्यवसाय के लिए ख्याति प्राप्त था।