Digital District Repository Detail | Digital District Repository | History Corner | Azadi Ka Amrit Mahotsav, Ministry of Culture, Government of India

Digital District Repository Detail

बिसौहादास

Raipur, Chhattisgarh

August 07, 2022

महंत बिसौहादास का जन्म वर्ष 1983 में माना जाता है। पिता का नाम घनसाय था। वे बलौदाबाजार के पहंदा ग्राम के निवासी थे। अपने क्षेत्र के कसाई खाना करमनडीह तथा ढाबाडीह को बंद कराने में सक्रिय होने के पश्चात गांधीवादी आंदोलन से जुड़ कांग्रेस कार्यक्रम स्वदेशी एवं बहिष्कार के साथ जुड़ गये। उन्होंने गांव एवं कस्बों में घूम-घूम कर स्वेदशी का प्रचार किया था। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन प्रारम्भ होते ही उन्होंने पूरे जोश के साथ आंदोलन का प्रचार किया। इसी समय वह गिरफ्तार कर लिये गये उन्हें सात माह की सजा हुई।

उनकी देशभक्ति एवं समाज सेवा के उत्तम गुणों के कारण पंथ के गुरूओं ने उन्हें महंत की पदवी प्रदान की। 1972  में उन्हें ताम्र पत्र एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का प्रमाण पत्र केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त हुआ था। लगभग 84 वर्ष की आयु 1977 में उनका देहावसान हो गया।

Sources: 

  1. सतनामी समाज के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की सूची न. 05 सन् 1942-47 तक के सतनामी सेनानियों की सूची में न. 01 में उल्लेखित नाम
  2. संध्या रानी मिश्रा - आजादी के आंदोलन में छत्तीसगढ़ के सतनामी समाज का योगदान एक ऐतिहासिक अनुषीलन।( शोध प्रबंध)
  3. पंचूराम सोनकर- छत्तीसगढ़ में सामजिक संस्कृतिक चेतना के विकास में सतनाम पंथ का योगदान।( शोध प्रबंध)

Top