अमेरिकन आन्कोलाजी इंस्टीट्यूट और आर्वी हेल्थकेयर तथा वाटिका इंडिया नेक्स्ट के सीनियर सिटिजिन फेडरेशन- न्यू गुरुग्राम ने मिलकर प्रोस्टेट कैंसर जागरूकता अभियान चलाया गया। कैंसर विशेषज्ञ डा. शह रावत का कहना है कि प्रोस्टेट कैंसर की शुरुआती चरण में कम संभावना होती है कि इसके लक्षण पहचान लिए जाएं। 50 साल की आयु के बाद पेशाब करने की इच्छा होती है और मूत्र प्रवाह कमजोर तथा रुक रुककर आता है वीर्य में रक्त या मूत्र आना आदि लक्षण हैं तो डाक्टर को जरूर दिखाएं। अगर इस बीमारी की शुरुआत में पहचान कर ली जाए, तो प्रोस्टेट कैंसर का बेहतर इलाज होगा, जिसमें रेडिएशन, सर्जरी, हार्माेनल थेरेपी शामिल हैं।