राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के दो दिवसीय जिलास्तरीय शैक्षिक सम्मेलन का समापन समारोह बुधवार काे प्रधान जी का जाव में सांसद सुमेधानन्द सरस्वती के मुख्य आतिथ्य में हुआ। अध्यक्षता आरएसएस में प्रौढ़ प्रमुख, जयपुर प्रांत के डाॅ. बृजमोहन सैनी ने की। विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त उपनिदेशक जगदीश प्रसाद चोटिया व प्रदेश पर्यवेक्षक सम्पत सिंह थे।
कार्यक्रम में लगभग एक हजार शिक्षकों की उपस्थिति रही। सांसद सुमेधानंद ने कहा कि संस्कार विहीन शिक्षा समाज को पीड़ित करती है। एक शिक्षित व्यक्ति का शोषण नहीं हो सकता और संस्कारित व्यक्ति का पतन नहीं होता। शिक्षक का दायित्व है कि वह समाज को शिक्षित और संस्कारित करें।
शिक्षा क्षेत्र में विशिष्ट कार्य के लिए जिले के 25 शिक्षकों को सम्मानित किया। प्रदेश पर्यवेक्षक सम्पत सिंह ने कहा कि संगठन के ध्येय वाक्य ‘‘राष्ट्रहित में शिक्षा, शिक्षा हित में शिक्षक, शिक्षक हित में समाज‘‘ की पूर्ति करना है। शिक्षा अक्षर ज्ञान तक सीमित नहीं हो अपितु राष्ट्र निर्माण और नागरिक निर्माण का सेतु बनेे।
विशिष्ट अतिथि जगदीश प्रसाद चोटिया ने कहा कि एक शिक्षक को अपना चरित्र इतना मजबूत बनाना चाहिए कि कोई उस पर लांछन लगाने से पहले सौ बार सोचे। पिपराली उपशाखा के अध्यक्ष अरुण कुमार महला ने स्वागत भाषण दिया। जिला मंत्री यशवंत सिंह शेखावत ने प्रतिवेदन का वाचन किया।