आजादी के अमृत महोत्सव के तहत राजकीय विद्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने विधिक जागरूकता विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि विधिक जागरूकता अथवा विधिक साक्षरता से आशय जनता को कानून से समब्न्धित सामान्य बातों से परिचित कराकर उनका सशक्तीकरण करना है। विधिक जागरूकता से विधिक संस्कृति को बढ़ावा मिलता है, कानूनों के निर्माण में लोगों की भागीदारी बढ़ती है और कानून के शासन की स्थापना की दिशा में प्रगति होती है। विधिक साक्षरता शिविर को संबोधित करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव नरेन्द्रसिंह ने कहा कि हर वर्ष 20 फ रवरी को पूरे विश्व में यह दिन मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस दिवस को सन 2007 में मनाने की घोषणा की गई थी।