युवाओं ने विवेकानंद का रूप धरा, 2 घंटे में यात्रा ने शहर में 2.5 . का सफर तय कर भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों का दिया संदेश।
स्वामी विवेकानन्द का रूप धरे सैकड़ों युवा, सिर पर केसरिया बाना पहने नारी शक्ति, लहराती भगवा विजय पताकाओं सहित स्वामी जी के सिद्धांतों को आत्मसात करने का संदेश देती विवेकानंद संदेश यात्रा में जोश एवं उमंग का माहौल नजर आया। वक्ताओं की ओर से स्वामी विवेकानंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके दिखाए मार्ग को आत्मसात करने की बात कही। उन्होंने कहा कि ये यात्रा अविस्मरणीय पलों में से एक है। हम सभी का दावा है कि युवा हृदय सम्राट को हृदय में बसा लें तो मार्ग में कभी कठिनाई नहीं आएगी।
शहर में जगह-जगह समाज के लोगों ने स्वागत द्वार लगाकर यात्रा का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। यात्रा में 200 युवाओं ने विवेकानंद के स्वरूप धारण किया। वहीं, मातृ शक्ति भी साफा व चूंदड़ी की साड़ी पहनकर इस यात्रा में शामिल रहीं। संदेश यात्रा श्री गोशाला से रवाना होकर बीरबल चौक, रविंद्र पथ, गोल बाजार, गांधी चौक, सिटी कोतवाली, मटका चौक, भगत सिंह चौक होते हुए नेहरू पार्क पहुंची। स्थानीय संयोजक विश्वबंधु गुप्ता ने बताया कि इस यात्रा ने 2 घंटे में 2.5 किलोमीटर का सफर तय कर युवा शक्ति को भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों का संदेश दिया। विवेकानंद संदेश यात्रा के पायलट वाहन के पीछे तिरंगा लिए हुए हुए शाखा के सदस्य चल रहे थे। इस यात्रा में घुड़सवार और बाइक रैली के पीछे तिरंगा लिए बच्चे उद्घोष लगाते हुए चल रहे थे। यात्रा में एक रथ भी शामिल था, जिसमें स्वामी विवेकानंद की पौने सात फीट की प्रतिमा स्थापित की हुई है। इस पर सभी ने पुष्प वर्षा की। स्कूली बच्चों के बैंड ने भी मनमोहक प्रस्तुतियां दी।