दौसा में निकाली विवेकानंद संदेश यात्रा, जिले में जगह-जगह हुआ स्वागत।
विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी की स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने पर स्वर्ण जयंती महोत्सव के रूप में विवेकानंद संदेश यात्राएं निकाली जा रही हैं। यात्रा की शुरुआत उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने झुंझुनू के खेतड़ी से की थी। यह यात्रा 50 दिनों में राजस्थान के 75 स्थान पर पहुंचेगी। दौसा में विवेकानन्द संदेश यात्रा को शोभायात्रा के रूप में निकाला गया। दोपहर 3 बजे शोभायात्रा सैंथल मोड़ से रवाना होकर ओवरब्रिज के ऊपर होते हुए गांधी तिराहा, नया कटला, मानगंज, सुंदरदास मार्ग होते हुए बजरंग मैदान पहुंची। यात्रा का जगह-जगह शहरवासियों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।
शोभायात्रा का शुभारम्भ नगर परिषद सभापति ममता चौधरी ने किया। इसमें स्वामी विवेकानंद की वेशभूषा में 75 विद्यार्थियों के साथ ही 100 से अधिक मातृशक्ति केसरिया साफा बांध शामिल हुई। यात्रा में करीब साढ़े ग्यारह फीट के रथ पर स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा आकर्षण का केन्द्र रही। बजरंग मैदान में स्वामी विवेकानंद पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुति से युवाओं को प्रेरणा दी गई। प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में 10 से अधिक प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। इससे पूर्व में हुई प्रतियोगिताओं के 69 बच्चों को भी सम्मानित किया गया। वक्ताओं ने स्वामी विवेकानंद के जीवन चरित्र के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
इसके साथ ही विवेकानंद संदेश यात्रा का बुधवार को ग्राम भंडाना में भी ग्रामीणों ने स्वागत किया। स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माला पहनाई और उनके आदर्श को आत्मसात करने की प्रतिज्ञा ली। इस यात्रा का उद्देश्य आजादी का अमृत महोत्सव व विवेकानंद कन्याकुमारी केंद्र की स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने व स्वामी विवेकानंद के विचारों को युवाओं तक पहुंचाने का है। इस दौरान किसान नेता रमेशचंद्र शर्मा ने विवेकानंद के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया।
इस दौरान विवेकांनद केंद्र कन्याकुमारी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष प्रवीण दाभोलकर , प्रांत प्रमुख राजस्थान भगवानसिंह चौहान, यात्रा प्रभारी अशोक खंडेलवाल, प्रांत संगठक प्रांजलि येरीकर, संयोजक विष्णुदेव खंडेलवाल, सह संयोजक विनोद शर्मा, कविता रेला, भारत विकास परिषद के अध्यक्ष राजेश जटवाड़ा, कोषाध्यक्ष नवीन रेला, गिरिराज गुप्ता, दिनेश गुप्ता, रेनू चौधरी, दीपक चौधरी, कविता रेला, सुनीता जटवाड़ा, कृष्णा खंडेलवाल आदि थे।