स्वतंत्रता के लिए भारत को बड़ा लंबा संघर्ष करना पड़ा है। इस संघर्ष यात्र में भारत माता के अनगिनत सपूतों ने अपने प्राणों का उत्सर्ग कर शौर्य की एक स्वर्णिम गाथा लिखी ।यह बात अंतरराष्ट्रीय कवि और वक्ता प्रो. राजीव शर्मा ने मालवांचल यूनिवर्सिटी के इंडेक्स समूह संस्थान के विद्यार्थियों से कहीं। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित सेमिनार में स्वतंत्रता का संघर्ष और उसका देशव्यापी स्वरूप टंट्या भील विषय पर संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया, एडिशनल डायरेक्टर आर सी यादव ने सराहना की। कार्यक्रम में मालवाचंल यूनिवर्सिटी के कुलपति एन के त्रिपाठी ने कहा कि आज सबसे बड़ी जरूरत है कि हम टंट्या भील जैसे आदिवासी जननायकों की वीरता को नई पीढ़ी तक जरूर पहुंचाएं। उनके बलिदान और वीरता की हर कहानी से युवाओं को रूबरू जरूर कराए लेकिन केवल अपनी राजनीति के लिए उन्हें याद न करें। स्वतंत्रता हमें इन महान वीरों की बदौलत ही हासिल हुई है। इस अवसर पर मालवांचल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. एम क्रिस्टोफर, डीन डॉ. सतीश करंदीकर, प्राचार्या डॉ. रेशमा खुराना, प्राचार्य डॉ. जावेद खान पठान उपस्थित थे। कार्यक्रम डॉ. पूनम तोमर राणा और डॉ. राजेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में हुआ।
