संस्कृति मन्त्रालय के तत्त्वावधान में इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र द्वारा आयोजित तीन दिवसीय इस काशी उत्सव की सम्पूर्ण रूपरेखा काशी की मौलिकता, उसकी सहजता को प्रकाशित करना है। तीन दिवस के काशी उत्सव के प्रथम दिवस का उद्घाटन मुख्य अतिथि माननीया सुश्री मीनाक्षी लेखी, संस्कृति एवं विदेश राज्यमन्त्री, भारत सरकार द्वारा किया जायेगा। इस कार्यक्रम में स्वागत भाषण तथा काशी उत्सव का महत्त्व माननीय रोहित कुमार सिंह (आईएएस), अतिरिक्त सचिव, संस्कृति मन्त्रालय, भारत सरकार द्वारा कार्यक्रम का उद्घाटन किया जायेगा। काशी नगरी के माननीय श्री नीलकंठ तिवारी, पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य एवं प्रोटोकॉल राज्यमन्त्री, उत्तरप्रदेश कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि होंगे।
प्रथम दिवस के प्रथम सत्र में पुस्तक विमोचन काशी की प्राचीन देवमूर्तियाँ - कलात्मक एवं लक्षणपरक अध्ययन (प्रारम्भ से 14वीं शती ई.) लेखक, प्रो. मारुति नन्दन प्रसाद तिवारी तथा काशी परिचर्चा - काशी के हस्ताक्षर, भारतेन्दु हरिश्चन्द्र एवं श्री जयशंकर प्रसाद का हिन्दी साहित्य को अवदान, सामाजिक चेतना एवं राष्ट्रवाद की संकल्पना तथा उनका कालजयी चिन्तन इन विषयों पर श्री वीरेन्द्र मिश्रा, प्रो. निरंजन कुमार तथा डॉ सच्चिदानंद जोशी द्वारा परिचर्चा की जायेगी।
इस अवसर पर सुप्रसिद्ध गायक माननीय डॉ. कुमार विश्वास द्वारा काव्य प्रस्तुति "मैं काशी हूँ" दी जायेगी तथा काशी की विभूतियाँ पद्मविभूषण पण्डित राजेश्वराचार्य जी, पद्मविभूषण छन्नू लाल जी, महामहोपाध्याय वागीश शास्त्री, प्रो. कमलेशदत्त त्रिपाठी, माननीया अन्नपूर्णा जी जैसी नव विभूतियों का सम्मान किया जाएगा।
यह काशी उत्सव, काशी की छह प्रसिद्ध विभूतियों - गोस्वामी तुलसीदास, सन्त कबीर, सन्त रैदास, भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, मुंशी प्रेमचंद एवं श्री जयशंकर प्रसाद जी पर केन्द्रित है। तीन दिवसों में आयोजित इस कार्यक्रम में भारतीय कला संस्कृति के उद्घोषक इन विभूतियों के व्यक्तित्वों एवं उनके कार्यों को केन्द्र द्वारा परिचर्चाओं, चलचित्र प्रदर्शनी, संगीत, नाटक एवं नृत्य प्रदर्शनों के द्वारा जन सामान्य की प्रेरणा हेतु उद्घोषित किया जा रहा है। इस उत्सव में स्थानीय हस्तियों, कलाकारों और सांस्कृतिक विद्वानों के योगदान को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है।