भारत सरकारGOVERNMENT OF INDIA
संस्कृति मंत्रालयMINISTRY OF CULTURE
Uttarkashi, Uttarakhand
March 29, 2023 to March 29, 2024
क्रान्तिकारी राम सिंह का जन्म सन् 1875 में जनपद उत्तरकाशी के रवांई अंचल में दशगी पट्टी के वणगांव में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री मनीराम था। तिलाड़ी आन्दोलन में सक्रिय भागेदारी के कारण राजद्रोही घोषित हुए थे। जिसके परिणामस्वरूप इनको दो वर्षों के कारावास की सजा तथा रू0 100/- अर्थदण्ड की सजा भुगतनी पड़ी थी। आजादी के पश्चात रवांई जनान्दोलन के समस्त आन्दोलनकारियों के समान इनको भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का दर्जा प्राप्त हुआ था और सन् 1950 में मृत्यु के कारण उ0प्र0 सरकार द्वारा आन्दोलनों में सक्रिय भूमिका निभाने वाले क्रान्तिकारियों को सन् 1972 में भेंट किये गये ताम्रपत्र प्राप्त करने का अवसर इनको नहीं मिल सका किन्तु सन् 1972 में उ0प्र0 सरकार के सूचना और जन संपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तिका सं0-14 में इनका स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में उल्लेख है। राम सिंह के दो पुत्र मनीराम तथा सुरेन्द्र सिंह है। दोनो ही कृषि तथा पशुपालन व्यवसाय से जुड़े हैं मनीराम का पुत्र बलवीर सिंह तथा सुरेन्द्र सिंह का पुत्र राजवीर ंिसह है। कृषि पशुपालन में व्यस्तता के कारण ये लोग अपने क्रान्तिकारी पूर्वज के नाम से पहचान तथा आश्रित प्रमाण पत्र बनाने में असमर्थ रहे। जिससे कि कुटुम्ब पेंशन तथा सरकार द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के लाभ हेतु संचालित सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित है किन्तु यह क्षेत्र कृषि एवं पशुपालन व्यवसाय के अनुकूल होने के कारण लोग आत्म निर्भर है और वाह्य क्षेत्र से अधिक संबंध नहीं रखते हैं।