भारत सरकारGOVERNMENT OF INDIA
संस्कृति मंत्रालयMINISTRY OF CULTURE
Tehri Garhwal, Uttarakhand
March 29, 2023 to March 29, 2024
रवांई जनान्दोलन के क्रान्तिकारी मायाराम लेखवार का जन्म सन् 1886 में जनपद टिहरी के जौनपुर अंचल के पालीगाड घाटी तहसील धनौल्टी के औन्तण गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री शोभा राम था। इनके गांव के निवासी श्री धनश्याम लेखवार ने अवगत कराया है कि मायाराम क्रान्तिकारी उदण्ड स्वभाव के व्यक्ति थे जो मरने और मारने से नहीं डरते थे इनके अदम्य साहस की आज भी सराहना होती है। मायाराम को आजदी के बाद स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का दर्जा प्राप्त हुआ था। सन् 1970 में उ0प्र0 सरकार के सूचना एवं जन संपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तिका सं0-14 ( गढ़वाल के स्वतंत्रता सेनानी) में आन्दोलनकारी के रूप में इनके नाम का उल्लेख है। आन्दोलनकारी के रूप् में इनको 1 वर्ष की कैद की सजा तथा रू0 500/- अर्थदण्ड राजकीय कोष में जमा करना पड़ा था। इनकी अपनी कोई सन्तान नहीं थी अपने भाई के पुत्र श्री श्रीराम को गोद लिया था अपनी सारी संपत्ति की वसीयत भी गोदी पुत्र के नाम कर दी थी। श्रीराम के दो पुत्र जगत राम तथा चन्द्रमणी है जो कृषक हैं तथा पंडिताई और समाजसेवा के कार्य भी करते हैं। मायाराम की 1969 में मृतयु के पश्चात उसके उत्तराधिकारी उसके नाम से पहचान तथा आश्रित प्रमाण पत्र बनाने में नाकाम रहे जिससे कि इनको किसी भी प्रकार का सरकारी लाभ नहीं मिल पाया।