मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग के आधीन स्वराज संस्थान संचालनालय द्वारा आज़ादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित जनयोद्धा नाट्य समारोह के समापन अवसर पर 12 मई 2022 को शहीद भवन, भोपाल में डॉ. हिमांशु द्विवेदी के निर्देशन में नाटक बुन्देला विद्रोह 1842 का मंचन हुआ। बुन्देलखंड के राजाओं ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह कर देश में आज़ादी का बिगूल बजा दिया। राजा हिरदेशाह, मधुकर शाह, विक्रमजीत सिंह, जवाहर सिंह, बखतबली ने मिलकर अंग्रेजों की संपत्ति जप्त कर ली और पुलिस थानों में आग लगा दी जिससे अंग्रेज सेनाओं में भय व्याप्त हुआ हो गया। ब्रिटिश सेना को अपनी हार का पूर्वाभाष होते ही उन्होंने बुन्देलखंड के राजाओं में फूट डालकर धोखे से मधुकर शाह, हिरदेशाह एवं राजा पारीक्षत को गिरफ्तार कर 1842 के विद्रोह का दमन कर दिया।
डॉ. हिमांशु द्विवेदी के निर्देशन एवं संगीत परिकल्पना से सजे नाटक बुन्देलखंड विद्रोह में बुन्देलखंड के राजाओं की वीरता, बहादुरी और उनकी बलिदान गाथा से जुड़े घटनाक्रमों को रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया। मधुकर शाह के रूप में नरेन्द्र, मर्दनसिंह के रूप में आकाश श्रीवास्तव, विक्रमजीत सिंह बने विशाल एवं हिरदेशाह के रूप में अनूप की भूमिका स्मरणीय रही। अनुनय, प्रसून, सलमान, विजय, मानवेंद्र, स्वराज के कर्णप्रिय गीत-संगीत एवं डॉ.कृपांशु द्विवेदी की बेहतरीन प्रकाश परिकल्पना भी सराहनीय रही।