स्वतंत्र स्वर | हिस्ट्री कॉर्नर | आज़ादी का अमृत महोत्सव, भारत सरकार।

स्वतंत्र स्वर

ब्रिटिश शासन के दौरान प्रतिबंधित क्रांतिकारी कविताएं

ब्रिटिश राज के दौरान प्रतिबंधित कविताओं से चयनित अंश

भूमिका

स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष के दौरान, कई कवियों और लेखकों ने साहित्य के क्रांतिकारी अंश लिखे, जिन्हें भारत की ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था, क्योंकि ऐसे लेखन को भारत में उनके शासन की 'सुरक्षा' के लिए 'खतरा' माना जाता था। साहित्य के इस अंश का उद्देश्य लोगों के मन में देशभक्ति की भावना जगाना और उन्हें भारत को स्वतंत्र कराने के लिए खड़े होने का आह्वान करना था।

हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की भावनाओं, आकांक्षाओं और संकल्पों का प्रतिनिधित्व करने वाले ये अनूठे संग्रह बाङ्ला, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मराठी, ओडिआ, पंजाबी, सिंधी, तमिऴ, तेलुगु और उर्दू जैसी विभिन्न भारतीय भाषाओं में उपलब्ध हैं।

यह खंड आपके लिए इन प्रतिबंधित प्रकाशनों से कुछ विशिष्ट अंश प्रस्तुत करता है जिन्हें प्रमुख हस्तियों द्वारा सुनाया जा रहा है।

कविता वीडियो

निषिद्ध काव्य संग्रह (कुल शीर्षक-509)

बंगाली (23)
गुजराती (31)
हिंदी (262)
कन्नड़ (04)
मराठी (60)
उड़िया (03)
पंजाबी (22)
सिंधी (15)
तमिल (21)
तेलुगु (13)
उर्दू (55)
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